Gaya Taja News : लीज पर खेत लेकर कर रहे विदेशी स्टिकी राइस की खेती, कीमत जानकर चौक जायेंगे आप
Gaya Ka Taja News : भारत की एक ऐसी भी भूमि है जहां पर प्रयत्नों की कमी नहीं रहती है वही मानी जाए तो बौद्ध धर्म जोकि बोधगया की धरती पर स्थापित बुद्ध भगवान का मंदिर है वह अंतरराष्ट्रीय स्थलीय बोधगया में बुध भगवान को दर्शन करने के लिए आते हैं लेकिन अब यह सामने आ रहा है कि बौद्ध भिक्षु या पर्यटन भगवान बुद्ध की शरण में आने के साथ-साथ और भी कई ऐसे काम करते हैं जो की प्रेरणा के स्रोत बन जाते हैं इन्हीं कामों में उनके द्वारा बोधगया में जो कि अभी सावन के मां चल रही है इसमें भारत देश में धान की रोपाई की जा रही है और इसमें बोधगया में पर्यटन खुद से उपाय कर रहे हैं।
बोधगया के लोगों को सिखा रहे हैं खेती के गुर?
आपको बता दे कि मगध विश्वविद्यालय में 200 से ज्यादा विदेशियों बौद्ध छात्र विभिन्न विषयों का अध्ययन करते हैं यह छात्र यहां के बौद्ध मंदिर में भी रहते हैं और प्रभु भिक्षु के रूप में भी अब कुछ बौद्ध मंदिरों में रहने वाले विदेशी बौद्ध भिक्षु अध्ययन के साथ-साथ अपने हिसाब से खेती के गुर बोधगया के लोगों को भी बता रहे हैं साथ ही लीज पर खेत लेकर खेती भी कर रहे हैं लोगों में देखकर काफी ज्यादा आश्चर्य हुआ।
थाईलैंड से मंगवाते थे स्टिकी चावल
बोधगया में चालू करें थाईलैंड कंबोडिया समेत विभिन्न देशों से बौद्ध भिक्षुओं और पर्यटकों का आना-जाना यह हमेशा लगा ही रहता है ऐसे में स्टिकी राइस यानी कि स्टिकी चावल जो उनके चॉइस का होता है वह यहां नहीं मिलता था इसकी वजह से दूसरे देश से लाना पड़ता था इसी को लेकर बौद्ध भिक्षुओं ने बोधगया में स्टिकी राइस की खेती करनी शुरू कर दी क्योंकि इससे पहले दूसरे देश से मंगवाना पड़ता था इसमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था इसी को देखते हुए स्टिकी राइस की खेती करनी यहां पर शुरू की गई है
खेती करते बौद्ध भिक्षु
मीडिया के अनुसार थाईलैंड से बोधगया आने वाला जिला की राइस यहां आकर काफी महंगे दामों में बिकता है ऐसे में बौद्ध भिक्षुओं ने निर्णय लिया और आसपास के बोधगया क्षेत्र में कुछ जमीन जो की लीज पर उन्होंने ली अब उसमें स्टिकी राइस की खेती कर रहे हैं बौद्ध भिक्षुओं को स्टिकी राइस की खेती करते हुए देखा जा सकता है इसमें कई बौद्ध छात्र-छात्राएं रोकने में लगे हुए हैं जो की विदेशी फसल की खेती यहां बोधगया की धरती पर पर्यटन द्वारा उगाई जा रही है।
कितने जमीन में स्टिक की राइस की खेती की जा रही है ?
सोशल मीडिया के अनुसार यह बताया जा रहा है कि बोधगया के पर्यटनों ने 20 कट्ठा जमीन जो किलेज पर लेकर ईस्ट की राइस की रोकने की जा रही है थाईलैंड लाओस कंबोडिया के बौद्ध भिक्षु एक खेती कर रहे हैं बाहर से आने वाले स्टिकी राइस यहां आकर जो की काफी महंगा बिकता था इसलिए इन लोगों ने इसकी खेती यहीं पर करने के लिए सोच संजय कुमार केयर टेकर वट लाओस मंदिर यहां पर खेती करने से उनको जो कि उनके इच्छा अनुसार जो कि चावल है उन्हें मिल पाएगा और वह और लोगों को भी इस फसल को उगाने के लिए उत्साहित करेंगे जो की काफी महंगे कीमत इन चावल को मिलते हैं।